Bad effect of planet without seeing horoscope || बिना कुंडली देखे ग्रह का अशुभ प्रभाव :




बिना कुंडली देखे ग्रह का अशुभ प्रभाव :


कुछ ग्रह के संकेत के माध्यम से हम ग्रह के अशुभ प्रभाव को जान कर उन्हें ठीक कर सकते है।  आज के समय में कई व्यक्ति को अपनी जन्म तारीख न पता होने की वजह से उनकी कुंडली नहीं बन पाती जिनके कारन वो ग्रह के अशुभ प्रभाव को नहीं जान पाते।  आप भी निचे दिए गए ग्रह के अशुभ प्रभाव को जान के उनके उपाय करके ग्रह को अनुकूल बना सकते है।। 


सूर्य : जिस व्यक्ति के कुंडली में सूर्य ख़राब हो उनके अपने पिता से हमेशा मतभेद बना रहता है।  

        मुँह से बार बार थूक आता है। 

       सूर्य ख़राब व्यक्ति के त्वचा रोग ,सिरदर्द , नेत्ररोग, ज्वर ,पैदा होते है। 


चंद्र : जिस व्यक्ति की कुंडली में चद्रमा ख़राब हो उनकी माता  की तबियत ख़राब रहती है।  

        अनुभव लेने की शक्ति नष्ट हो जाती है 

        कफ और पेट से सम्बंधित बीमारिया बानी रहती है 

        व्यक्ति का मन बिना कारन परेशान रहता है 


मंगल : जिन व्यक्ति का स्व्भाव क्रूर और हिंसक हो ऐसे व्यक्ति की कुंडली में मंगल कमजोर होता है। 

          जिनका मंगल कमजोर होता है उनका आत्मविश्वाश कमजोर होता है। 

          इन्हे रक्त विकार की समस्या बानी रहती है। 

          संपत्ति और जमीन के मामले में मुश्किल का सामना करना पड़ता है। 

          कभी कभी जेल जाने के लिए मगल का  अशुभ होना माना गया है। 


बुध : बुध को वाणी का गृह माना गया है।  जिनका बुध कहरब हो उनकी वाणी दूषित होती है या बोलने में दिक्कत होती है। 

       जिस व्यक्ति का बुध ख़राब हो उसे नशे और जुए की बुरी आदत लग  जाती है। 

      बुध की अशुभ स्थिति होने पर व्यक्ति की सुगने की स्थिति कमजोर होती है। 

      व्यापार - व्यवसाय या नौकरी में भी हानि हो सकती है। 

      जिस व्यक्ति का बुध ख़राब हो उसे गुप्त रोग, दन्त रोग , त्वचा संबंधी, भीतरी रोग हो सकते है। 


गुरु : जिस व्यक्ति का गुरु कमजोर होता है उस व्यक्ति के शिक्षा में बंधा उत्पन होती है। 

        विवाह में देरी का कारनभी ग्रुरु अशुभ के संकेत है और इन्हे शवास सम्बन्धी समस्या बानी रहती है। 

       गुरु के कुंडली में कमजोर होने से सिर पर चोटी के स्थान के बाल उड़ने लगते है। 

       मन में कई प्रकार के विचार उत्पन होते है। आत्म विश्वास की कमी आती है। 

       जिस व्यक्ति का गुरु कमजोर होता है ऐसे व्यक्ति के संबंध में व्यर्थ की अफवाहें उड़ाई जाती हैं।  

       

 शुक्र : जिस व्यक्ति का शुक्र कमजोर होता है उस व्यक्ति को प्रेम में सफलता नहीं मिलती।  उनके विवाह में रूकावट बानी रहती है। 

          जिन व्यक्ति की कुंडली में शुक्र का अशुभ प्रभाव हो उन्हें गुप्त रोग, यौन सुख में कमी, वीर्य में कमी और तवचा सम्बन्धी बीमारिया 

         रहती है।    

         हृदय का अत्यधिक चंचल हो जाना भी शुक्र का अशुभ होने का संकेत है।


शनि : जिस व्यक्ति की कुंडली में  शुक्र कमजोर होता है उस व्यक्ति को किसी भी काम में सफलता नहीं मिलती। 

         उसके जीवन में आलस्य बना रहता है।  ऐसे व्यक्ति लापरवाह, कमजोर , कठोर वाणी के स्वभाव का होता है।  

         जिस व्यक्ति का शनि कमजोर होता है उन्हें खांसी, नजर, उदर पीड़ा, बानी रहती है।  व्यक्ति के बाल रूखे होते है।  

         इन् व्यक्ति के ऊपर हमेशा कर्जो के बोझ में रहते है। 


राहु : जिस व्यक्ति की कुंडली में  राहु कमजोर होता है उस व्यक्ति की याददाश्त कमजोर होने लगती है। ऐसे व्यक्ति बुद्धि से काम नहीं लेते। 

       हाथ के नाखून निकलते रहते है।  इन्हे ज्वर बीमारी रहती है।  

       बिना कारन के अनेक व्यक्ति आपके विरोध में खड़े होने लगते है। 


केतु : जिस व्यक्ति की कुंडली में केतु  कमजोर होता है उस व्यक्ति के जोड़ो में दर्द, टांगो की बीमारी, मूत्र सम्बन्धी बीमारी होती है। 

        पैरो  के नाखून निकलते रहते है।



                                                              Written By  : Yash Raj Arora 

                                                                                    Astrology, Numerology, Vastu, Traot Card Expert